Zindagi Shayari

चूम लो हर मुश्किल को अपना मान कर क्यूकि ज़िन्दगी कैसे भी है है तो अपनी ही

रास्ते कहाँ ख़तम होते हैं ज़िन्दगी के सफर मे मंज़िल तो वही है जहाँ ख्वाइशें थम जाये

मुझे ज़िन्दगी का इतना तज़ुर्बा तो नहीं पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते

ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है शामें कटती नहीं और साल गुज़रते चले जा रहे है

फटी जेब सी ज़िन्दगी सिक्को से दिन  लो आज फिर  इक गिर कर गुम हो गया

सुना था ज़िन्दगी इम्तेहान लेती है पर यहाँ तो इम्तेहानों ने ज़िन्दगी ही ले ली

हम तेरी ज़िन्दगी से  ऐसे चले जायेंगे जैसे हादसों मे जान जाती है

रोज़ रोते हुए कहती है ज़िन्दगी मुझे से सिर्फ एक शख्स की खातिर मुझे बर्बाद ना कर