मोहब्बत शायरी
2 लाइन
गुण 36 नहीं चार चाहिए साहब अच्छा व्यवहार साफ नियत नेक दिल और इमानदार चाहिए
हम वक्त रोक लेंगे तुम्हारे लिए तुम बेवक्त मिलना शुरु तो करो
मुझे तो सिर्फ तू चाहिए ना तेरे जैसा ना तुझ से बेहतर
सफ़र से इश्क करना सीखो मंजिले तो कुछ पल की मेहमान हैं
आजकल अच्छा होना जरूरी नहीं है बस अच्छा दिखना जरूरी है
जितने भी लोग आ जाएं जिंदगी में पर तुम्हारी जगह कोई नहीं ले सकता
रोज काटते हैं लोग दिन यहां जिंदगी तो बस कोई कोई जीता है
क्या आईना क्या इंसान कद्र नहीं रहती टूटने के बाद...
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