Dosti shayari in hindi

दोस्त ही फरिश्ते हैं बाकी सब  तो रिश्ते हैं

ऐ दोस्त मैं तुझे भूल जाऊ ये तेरी भूल है तेरी क्या तारीफ़ करूँ तू एक महकता हुआ फूल है

दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा हो जो अल्फाज से ज्यादा खामोशी को समझे

दोस्ती लफ्ज़ का मतलब ही बहुत अच्छा होता है  दो + हस्ती जब दो हस्ती मिलती हैं तब दोस्ती होती है

हमारी दोस्ती एल आईसी जैसी है जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी

नादान से दोस्ती कीजिए क्योंकि मुसीबत के  वक्त कोई भी समझदार साथ नहीं देता

दोस्ती हमारी है  तीन लफ़्ज़ों की दो लफ़्ज़ ‘तुम’  एक लफ़्ज़’मैं’

कितने कमाल की होती है  ना दोस्ती वजन होता है लेकिन बोझ नहीं होता