Break Up Shayari
मुझसे नहीं काट’ती अब ये उदास रातें कल सूरज से कहूंगा मुझे साथ ले डूबे
हम अगर रोज़ भी एक याद भुलाने लग जाये तो तेरी यादों को भुलाने मे ज़माने लग जाये
हम दोनों ही धोका खा गए मैंने तुम्हे औरों से अलग समझा और तुमने मुझे औरों जैसा समझा
हर कोई परेशान है मेरे कम बोलने से और मैं तंग हूँ मेरे अंदर के शोर से
चलती है अब तो साँस भी इस एहतिआत से जैसे गुज़र रही हो किसी पुल-सिरात से
ना नफ़रत है अब उनसे ना मोहब्बत बची है ना इंतज़ार है उनका ना कोई शिकायत बची है
ऐ दिल थोड़ी सी हिम्मत कर ना यार दोनों मिल कर उसे भूल जाते है
रुक्सत यार का भी क्या मंजर था यारो हमने खुद को खुद से बिछडते देखा
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