Barish Shayari in Hindi 

ज़रा ठहरो बारिश थम जाये तो फिर चले जाना किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता

पहले बारिश होती थी तो  याद आते थे अब याद आते हो तो बारिश होती है

सुना है बारिश मे दुआ क़ुबूल होती है अगर इज़ाज़त हो तो मांग लू तुम्हे

ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे  आंसू ही बहुत हैं  मेरे भीग जाने के लिए

शायद कोई ख़्वाइश रोती रहती है मेरे अंदर बारिश होती रहती है

सहमी हुई है झोपडी  बारिश के ख़ौफ से  महलो की आरज़ू है के बरसात तेज़ हो

बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी  जब भी मिलती हैं नयी सी लगती हैं

अमल से भी मांगा वफा से भी मांगा, तुझे मैंने तेरी रज़ा से भी मांगा, न कुछ हो सका तो दुआ से भी मांगा, कसम है खुदा की खुदा से भी मांगा।