Zindagi Shayari In Hindi – ज़िन्दगी शायरी

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Zindagi Shayari In Hindi

चूम लो हर मुश्किल को अपना मान कर

क्यूकि ज़िन्दगी कैसे भी है है तो अपनी ही

रास्ते कहाँ ख़तम होते हैं

ज़िन्दगी के सफर मे

मंज़िल तो वही है जहाँ ख्वाइशें थम जाये

मुझे ज़िन्दगी का इतना तज़ुर्बा तो नहीं पर सुना है

सादगी मे लोग जीने नहीं देते

ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है

शामें कटती नहीं और साल गुज़रते चले जा रहे है

फटी जेब सी ज़िन्दगी सिक्को से दिन

लो आज फिर इक गिर कर गुम हो गया

सुना था ज़िन्दगी इम्तेहान लेती है

पर यहाँ तो इम्तेहानों ने ज़िन्दगी ही ले ली

हम तेरी ज़िन्दगी से  ऐसे चले जायेंगे

जैसे हादसों मे जान जाती है

ज़िन्दगी शायरी

रोज़ रोते हुए कहती है ज़िन्दगी मुझे से

सिर्फ एक शख्स की खातिर मुझे बर्बाद ना कर

किश्तों में कटी ज़िन्दगी, कुछ इस कदर जनाब

पता भी न चला कभी, कि. जी रहे हैं हम

तसल्लियाँ मिलीं बहोत कोई साथ न मिला

यूँ ही तन्हा कट गयी ये ज़िन्दगी मेरी

ज़िन्दगी दरस्त-ए-ग़म थी और कुछ नहीं,

ये मेरा ही हौंसला है की दरम्यां से गुज़र गया

ख़ामोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है,

तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है

धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो,

ज़िंदगी क्या है किताबों को हटाकर देखो

ख़्वाबों पर इख़्तियार न यादों पे ज़ोर है,

कब ज़िंदगी गुज़ारी है अपने हिसाब में

लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी

ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी

Zindagi Shayari In Hindi

एक साँस सबके हिस्से से हर पल घट जाती है

कोई जी लेता है जिंदगी, किसी की कट जाती है

ज़िन्दगी तो तब पलट गयी मेरी,

जब मुझे गिराने वाला कोई अपना निकला

कुछ रिश्ते किराए के घर जैसे होते है,

कितना भी दिल से सजा लो, कभी अपने नहीं होते है..

मैं ना बहुत कंजूस हूँ यार

मुझसे किसी को धोखा नहीं दिया जाता है

मेरी ख़ामोशी को मेरा Attitude मत समझना,

बस कुछ ठोकर ऐसी खाई है,की अब बोलने का मन नहीं करता

रात भर करता रहा तेरी तारीफ चाँद से,

चाँद इतना जला सुबह तक सूरज हो गया

आसान नहीं है औरत का किरदार निभा पाना

एक सफ़ेद चादर है और दाग पानी से भी लग सकता है

जिनकी नजरों में हम

अच्छे नहीं है..ना.. जनाब  नेत्र दान कर सकते है…

किसी को खुश रखना शायद हमारे बस में ना

 हो पर किसी को हमारी  दुःख ना पहुंचे यह तो हमारे बस में है

इश्क़ का जुआ खेल चुके है हम आज

वो रानी किसी और की और जोकर बन गए है हम

तेरे बगैर इश्क़ हो तो कैसे हो,

 इबादत के लिए खुदा भी तो जरुरी होता है

जमाना कुछ भी कहे उसकी परवाह नहीं 

करता जहा जमीर नहीं मानता उन्हें सलाम नहीं करता

जिंदिगी में उन लोगो को कभी नहीं भूलना

 चाहिए 1.जिसने तकलीफ़ दी है 2.जिसने तकलीफ़ में साथ दिया

एक आसान सी सलाह जिंदिगी की 

ए दोस्त सह लो तो सुखी, कह दो तो दुखी

मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है 

पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में

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