Waqt
Shayari
कितना चालक है मेरा यार भी उसने तोहफे मे घडी तो दी है मगर कभी वक़्त नहीं दिया
वक़्त का ख़ास होना ज़रूरी नहीं खास लोगो के लिए वक़्त होना ज़रूरी है
ना करो हिमाकत किसी के वक़्त पर हसने की ये वक़्त है जनाब चेहरे याद रखता है
कुछ वक़्त ख़ामोश होकर देखा लोग सच में भूल जाते हैं
वक़्त आने पर जवाब देंगे सबको लहज़े सबके याद हैं हमे
जाते वक़्त उसने मुझसे अजीब सी बात कही तुम मेरी ज़िन्दगी हो और मुझे मेरी ज़िन्दगी से नफरत है
कौन कहता है की वक़्त बहुत तेज़ है कभी किसी का इंतज़ार तो कर के देखो
कौन कहता है की वक़्त बहुत तेज़ है कभी किसी का इंतज़ार तो कर के देखो
महंगी से महंगी घडी पहन कर देख ली वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से कभी ना चला
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