Two Lines Painful Shayari in Hindi
अनजान अगर हो तो गुजर क्यूँ नहीं जाते, पहचान रहे हो तो ठहर क्यूँ नहीं जाते।
दर्द तो अकेले ही सहते है सभी, भीड़ तो बस फर्ज अदा करती है !!
अब तो डर लगता है उन लोगों से, जो कहते है की मेरा विश्वास तो करो !!
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ कौन कहता है दर्द बिकता नहीं !!!
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया, इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
फैसला ये मेरे यार बहुत मुश्किल है तेरे ज़ुल्म सहें या कि फ़ना हो जाएँ!!
एक दो ज़ख्म नहीं जिस्म है सारा छलनी, दर्द बेचारा परेशान है कहाँ से निकले
हमें देख कर जब उसने मुँह मोड़ लिया, एक तसल्ली हो गयी चलो पहचानते तो हैं
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