Tea Shayari in Hindi
लहजा जरा ठंडा रखे जनाब, गर्म तो हमे सिर्फ चाय पसंद है..
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास, वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है
मैंने देखा ही नहीं कोई मौसम, मैंने चाहा है तुम्हें चाय की तरह
एक तेरा सांवला रंग और एक ये चाय दोनों एक दिन मेरी जान लेकर रहेंगे
हाथ में चाय और यादों में आप हो, फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो
बैठ जाता हूँ मैं अक्सर वहा, चाय की खुशबु आ रही हो जहा
ज़िन्हे चाय से लगाव होता है, उसके दिल में जरूर घाव होता हैं
चाय और चरित्र जब भी गिरते है, दाग दे ही जाते है.
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