Romantic Shayari Hindi

किस-किस तरह छुपाऊं अब मैं तुम्हें, मेरी मुस्कान में भी तुम नजर आने लगे हो

महका सा दिन महकती सी रात आए, तुम कहो तो खुशबू सी कोई बात आए

तुम मिल गए तो मुझसे नाराज है खुदा, कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं है

बेचैन इस क़दर था के सोया न रात भर, पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर

कुछ इस अदा से हाल सुनाना हमारे दिल वो खुद ही कह दे किदी भूल जाना बुरी बात है

तेरे इश्क़ में इस तरह मैं नीलाम हो जाओ आखरी हो मेरी बोली और मैं तेरे नाम हो जाऊ

एक ही ख़्वाब देखा है कई बार मैंने तेरी शादी में उलझी है चाहिए मेरे घर की

तुम्हे मेरी मोहब्बत की कसम सच बताना गले में डाल कर बाहें किससे सीखाया है