Rahat Indori
Shayari
बुलाती है मगर जाने का नहीं ये दुनिया है इधर जाने का नहीं मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर मगर हद से गुज़र जाने का नहीं
चुरा लो अभी हर हसीन लम्हा जिंदगी से, फिर जिम्मेदारियां मोहलत नही देंगी।
तुम मेरा उतना ही सच जानते हो जितना मैंने बताया है ना जाने अभी कितनी हजार कहानियां खुद की मैंने खुद में ही छिपाई हैं।
वक़्त का इंतज़ार करो तुम्हारी मुलाक़ात हमसे ही होगी
सुना था जिंदगी इम्तिहान लिया करती है यहां तो इम्तिहानों ने जिंदगी ले रखी है!!
जो दुनिया को सुनाई दे उसे कहते है ख़ामोशी और जो आँखों में दिखाई दे उसे तूफ़ान कहते है
उन्हें फ़ासलो की क्या फ़िक्र जो रूह से ताल्लुक रखते हो
ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।
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