Pyar Me Dhoka       Shayari

इश्क़ में किनारा पाना आसान नहीं हर लहर यहाँ धोके की उठती हैं

ना जाने क्या लिखा है तक़दीर में, जिसे भी चाहा उसी ने धोखा दे दिया।

धोखा देना तेरी फितरत है, धोखा खाना मेरी आदत है

ये इश्क भी क्या चीज़ है, एक वो है जो धोखा दिए जाते हैं और एक हम है जो मौका दिए जाते हैं।

 जमाये बैठा था निगाह कांटो पर, क्या पता था जख़्म फूल दे जाएगा।

एक बात हमेशा याद रखना, किसके साथ गलत करके अपनी बारी का इंतज़ार ज़रूर करना।

आज नींद ने न आने का वादा लिया हैं मुझ से, तेरी तरह वो भी धोखेबाज निकली।

धोखा देती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक हर काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते !!नहीं कहते