सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें, फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा, तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें
दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी। वो प्यार है ही इतना प्यारा, ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई, न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई, अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ, कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।
अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल, अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल, अब किसी दिलासे की जरूरत नही है, क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल
होले होले कोई याद आया करता है, कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है, उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।
अब तेरे बिना जिंदगी गुजारना मुमकिन नही है, अब और किसी को इस दिल में बसाना आसान नही है, हम तो तेरे पास कब के चले आये होते सब कुछ छोड़ कर, लेकिन तूने कभी हमे दिल से पुकारा ही नही है।
मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था, एक मैं ही अकेला था, बाकि सारा काफिला भी उसका था,
एक साथ चलने की सोच भी उसकी थी, और बाद में रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में, क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक किया करते है इस जमाने में।