Mohabbat Shayari 

कुछ लोगों से मोहब्बत  इस कदर हो जाती है दिल से निकालो तो जान निकल जाती है❗

इतना तो किसी ने तुम्हे चाहा भी नही होगा, जितना मैंने सिर्फ सोचा है तुम्हे❗

चाँद सा मिसरा अकेला है मेरे कागज पे, छत पे आ जाओ मेरा शेर मुक्कमल कर दो❗

ये गेशुओं कि घटायें ये लबों के महखाने, निगाह-ए-शौक खुदाया कहाँ कहाँ ठहरे❗

तू अपनी निगाहों से न देख खुद को, चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा, सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू, मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा❗

नजाकत ले के आँखों में, वो उनका देखना तौबा, या खुदा हम उन्हें देखें, के उनका देखना देखें❗

मेरी मोहब्बत ही देखनी है तो गले लगाकर देखो अगर धड़कन ना रुक गई तो मोहब्बत ठुकरा देना❗

हमें कहां मालूम था कि इश्क होता क्या है, बस एक 'तुम' मिले और जिंदगी मोहब्बत बन गई