Love Shayari

मेरी रूह की आवाज़ हो तुम ख़ास बहुत ख़ास बहुत ख़ास हो तुम

हक़ीम के हज़ारों नुस्खों के बाद वो आये मुस्कुराये और शिफा हो गयी

राज़ खोल देते हैं  नाज़ुक से इशारे अक्सर कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है

लोग कहतें हैं मुस्कान है होंटो पे मेरे कौन जाने के  तस्सवर मे हंसाया किस ने

एक उम्र बीत गई है  तुझे चाहते हुए तू आज भी  बेखबर है कल की तरह

हम ने उस को इतना देखा  जितना देखा जा सकता था फिर भी दो आँखों से  कितना देखा जा सकता था

जिसे पाया नहीं अब तक उसे खोने से डरती हूँ

मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर वो मुस्कुरा कर बोले  और तुम्हे आता ही क्या है