Love Sad Shayari
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो
अपनी हालत का खुद एहसास नहीं है मुझ को मैं ने औरों से सुना है के परेशां हूँ मैं
तुम क्या जानो अपने आप से कितना मैं शर्मिंदा हूँ छूट गया है साथ तुम्हारा और अभी तक ज़िंदा हूँ
मैं रोना चाहता हूँ खूब रोना चाहता हूँ मैं फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं
मौत के नाम से… सुकून मिलने लगा… जिंदगी ने… कम नही सताया हमको