जुदाई शायरी

फिर उसकी याद, फिर उसकी आस, फिर उसकी बातें, ऐ दिल लगता है तुझे तड़पने का बहुत शौक है।

जो रस्मो रिवाजों की जो परवाह करते है प्यार में वो लोग गुनाह करते है इश्क़ वो जूनून है जिसमे दीवाने अपनी ख़ुशी से खुद को तबाह करते है

कैसे समझाए इस पागल दिल को के इसे किसी की मोहब्बत नसीब नहीं जो नज़दीक है वो तो बेगाने है और अपने तो इसके करीब ही नहीं

हम आपका इंतज़ार करते ही रह गए, आपकी जुदाई को सहते ही रह गए, दिल थामने की कोशिश की मगर, ये कमबख्त आंसू बहते ही रह गए…

लाखो ही ग़म हैं जीवन में, अब क्या क्या सबको बतलाऊँ मैं, कर सको तो करना यारो इतनी दुआ, इस दुनिया से जल्दी चला जाऊँ मैं

यादों की कीमत वो क्या जाने जो ख़ुद यादों को मिटा दिए करते हैं, यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो, यादों के सहारे जिया करते हैं

कोई अच्छा लगे तो उससे प्यार मत करना, उसके लिए अपनी नींदे बेकार मत करना, दो दिन तो आएँगे खुशी से मिलने, तीसरे दिन कहेंगे मेरा इंतजार मत करना

अमल से भी मांगा वफा से भी मांगा, तुझे मैंने तेरी रज़ा से भी मांगा, न कुछ हो सका तो दुआ से भी मांगा, कसम है खुदा की खुदा से भी मांगा।