Hindi Bewafa
Shayari
कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो दोस्त, बेवफाई तो सबने की है मज़बूरी के नाम पर
कुछ तो बेवफाई है मुझ में भी, जो अब तक जिंदा हूँ तेरे बग़ैर।
किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना, मोहब्बत में यही लम्हा कयामत की निशानी है
मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं, बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं
जनाजा मेरा उठ रहा था, फिर भी तकलीफ थी उसे आने में, बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी, और कितनी देर है दफनाने में
उसने जी भर के मुझको चाहा था, फ़िर हुआ यूँ के उसका जी भर गया
याद रहेगा हमेशा, ये दर्दे बेवफाई हमको भी कि क्या खूब तरसे थे जिंदगी में एक शख्स की खातिर
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की, हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे।
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