Dosti Shayari
Dosti Shayari
दोस्तों बहुत थक गया था परवाह करते-करते जब से लापरवाह हुआ हूं आराम से हूं
कौन किस से चाहकर दूर होता है हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है हम तो बस इतना जानते हैं हर रिश्ता मोती और हर दोस्त कोहिनूर होता है
जगह ही नहीं दिल में अब दुश्मनों के लिए कब्जा दोस्तों का कुछ ज्यादा ही हो गया है
प्यार में भले ही जुनून है लेकिन दोस्ती में सुकून है
कुछ लोग बिना रिश्ते के रिश्ते निभाते हैं शायद वह लोग ही दोस्त कहलाते हैं
उम्र भर बनी रहेंगे लोग दोस्त आपके उम्र भर आप लोगों के काम आते रहिए
जिंदगी में दोस्त नहीं दोस्तों में जिंदगी है
ना जाने कौन सी दौलत है कुछ दोस्तों के लफ्ज़ों में बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं
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