Dard Shayari

तेरे न होने से ज़िन्दगी में बस इतनी सी कमी रहती है  मैं चाहे लाख मुस्कुराऊं इन आँखों में नमी रहती है

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई

क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो  हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं

हम तो कुछ देर हंस भी लेते हैं दिल हमेशा उदास रहता है

ए ज़िन्दगी, काश तू ही रूठ जाती मुझसे  ये रूठे हुए लोग, मुझसे मनाये नहीं जाते

​मैं पा नहीं सका इस कशमकश से छुटकारा​ तू मुझे जीत भी सकता था मगर ​हारा क्यूँ​

अगर रुक जाए मेरी धड़कन तो मौत न समझना  कई बार ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते

तुझे याद कर लूं तो मिल जाता है सुकून दिल को मेरे गमों का इलाज भी कितना सस्ता है