Dard Shayari 2 Line
मै क्यों करो मोहब्बत किसी से मै तो गरीब हूँ लोग बिकते है और खरीदना मेरे बस की बात नही
अगर किसी से मोहब्बत बेहिसाब हो जाए, तो समझ जाना वो नसीब में नहीं है तुम्हारे
ये मत सोचना कि खुदा से भी छुपा लोगे असलियत तुम, वहा सबका लेखा जोखा होता है।
तकलीफ ये नहीं कि तुम्हें अजीज़ कोई और है, दर्द तब हुआ जब हम नज़र अंदाज़ किए गए।
मुझको ढूंढ लेती है रोज किसी बहानें से, दर्द भी वाकिफ हो गया है मेरे हर ठिकानें से
जख्म खरीद लाया हूँ बाजार-ए-दर्द से, दिल जिद कर रहा था मुझे मोहब्बत चाहिए
दर्द की शाम है, आँखों में नमी है, हर सांस कह रही है, फिर तेरी कमी है
प्यार से भी गहरा हैं शराब का नशा, इसे दर्द में पीने पर ही हैं, असली मज़ा