Dard Shayari in Hindi 

इतना दर्द तो मौत भी नहीं देती है, जितना तेरी ख़ामोशी ने दिया है।

अब शहर की कुछ महफिलें शहनाई में होती है उस वक़्त कुछ मोहब्बतें बस तन्हाई में होती है.!

बिछड़ कर तुझसे कैसे ऐ मेरे हमदम बिख़र जाऊँ , तेरी पाज़ेब से टूटा हुआ घुंघरू नहीं हूँ मैं …

मेरे नींद पर कभी भी हक मेरा ना था । पहले तुम थी इसकी मालिक फिर तुम्हारी यादें बन गई…

कुछ दूर हमारे साथ चलो, हम दिल की कहानी कह देंगे, समझे ना जिसे तुम आखो से….वो बात जुबानी कह देंगे

कभी शब्दो में तलाश न करना वज़ूद मेरा, मैं उतना लिख नहीं पाता जितना तुम्हें चाहता हूँ..!!

रात क्या हुई अंदाज़ – ए – मुहब्बत तो देखिए उनका मेरी ही बाहों में मासूमियत से गिरकर कहते हैं संभालो मुझको

तहरीरें लिखनी हमें नहीं आता…. हम जिसका हाथ पकड़ेंगें शहजादी बना कर रखेंगे