Bewafa Shayari
In Hindi
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली, इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली
बहुत अजीब हैं ये मोहब्बत करने वाले, बेवफाई करो तो रोते हैं और वफा करो तो रुलाते हैं।
मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारा से अश्क पूछ रहे है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।
रुशवा क्यों करते हो तुम इश्क़ को, ए दुनिया वालो मेहबूब तुम्हारा बेवफा है, तो इश्क़ का क्या गनाह
क्या जानो तुम बेवफाई की हद दोस्तों, वो हमसे इश्क सीखती रही किसी ओर के लिए।
हमारी तबियत भी न जान सके हमे बेहाल देखकर, और हम कुछ न बता सके उन्हें खुशहाल देखकर।
बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी ऐ दिल-ए-जाना, आज ज़रा वक़्त पर आना मेहमान-ए-ख़ास हो तुम।
बेवफ़ाई का मुझे... जब भी ख़याल आता है, अश्क़ रुख़सार पर आँखों से निकल जाते हैं
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