Best Attitude Shayari 

जो मेरे तक़दीर में है वो खुद चल कर आएगा, जो नहीं है उसे अपना खौफ लाएगा

मैं न अन्दर से समंदर हूँ न बाहर आसमान, बस मुझे उतना समझ जितना नजर आता हूँ मैं।

चलो आज फिर थोड़ा मुस्कुराया जाये, बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये।

जुबां पर मोहर लगाना कोई बड़ी बात नहीं, बदल सको तो बदल दो मेरे खयालों को।

शतरंज का खेल आज भी हम अकेले ही खेलते हैं, क्योंकि दोस्तो के खिलाफ चाल चलना हमारे मिज़ाज में नहीं है

सही वक्त पर करवा देंगे हदों का एहसास, कुछ तालाब खुद को समंदर समझ बैठे हैं।

न खुश है हमसे इस बात पर ज़माना, शामिल नहीं है हमारी फ़ितरत में सर झुकाना

जब इश्क करता हूँ मैं तो टूट कर करता हूँ, ये काम मुझे जरूरत के हिसाब से नहीं आता।