अकेलापन शायरी
इन हिंदी
क्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता है, खुद से बातों में अक्सर यू ही वक्त गुज़र जाता है।
सुन अकेला रहना और अकेलेपन में रहना, वैसा ही होता है जैसे की मुस्कुराना और गम में रहना।
मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है, इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है।
आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को, तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।
अकेलापन एक सज़ा सी है, लेकिन इसमें जीने में भी अपना अलग ही मज़ा है।
इस अकेलेपन ने एक बात तो सीखा दी हैं, दिखावे की नज़दीकीयां से तो हकीक़त की दूरिया अच्छी हैं।
अब सहारे की तो बात मत कर ऐ जालिम जिंदगी, मेरा अकेलापन ही काफी है मेरा सहारा देने के लिए।
वो हर बार मुझे छोड़ के
चले जाते है तन्हा,
में मजबूत बहुत हु लेकिन
कोई पथ्थर तो नहीं हूँ।
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