2 Line Shayari
दो शब्द तसल्ली के नहीं मिलते इस शहर में लोग दिल में भी दिमाग लिए घूमते हैं।
नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है उसका कसूर ये है कि वो कामयाब है
एक दिन हम ऐसे सोयेंगे के जगाने वाले खुद रोयेंगे
खुस नसीब है वो लड़की जिसे हासिल करने के लिए एक लड़का रो रो कर दुआ मांगता है
कह देना अब उनका इंतज़ार नहीं है सुनो, कहना की गुस्से में कहा था
मैं अक्सर उदास लोगो को हँसा देता हूँ मुझसे मुझ जैसे लोग देखे नहीं जाते
सुना है उसके अश्कों से बुझी है प्यास दरिया की जो कहता था की पत्थर हूँ मुझे रोना नहीं आता
मत पूछ मेरे जागने की वजह ए चाँद तेरा ही हमशक़्ल है जो सोने नहीं देता
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