
अधुरे ज़ज्बात, अधुरे लफ़्ज और अधुरी बात
अभी तो कितने ही सवाल मेरे यार बाकी हैं
अधुरी यादें, अधुरे ख्वाब और ये आधी रात
अब और क्या क्या सितम मेरे यार बाकी हैं

एक अजनबी के घर में गुजारी है जिंदगी
लगता है जैसे सफर में गुजारी है जिंदगी
ये और बात है कि मैं तुझसे दूर हूँ,
लेकिन तेरे अशर में गुजारी है जिंदगी

महफिल में हम भी उनको पहचानने से मुकर गए
महफिल में हम भी उनको पहचानने से मुकर गए
जब वह भी अनदेखा कर, नजदीक से गुजर गए

गैरों के चेहरों पर भी मुस्कान सजाई थी हमने
पर यहाँ तो नजर तक लग जाती हैं ज़माने की
क्या बताऊँ तुझे हाल-ए-दिल अपने ए-दोस्त
यहाँ सजाये मिलती हैं दोस्ती दिल से निभाने की

किसी को पा कर भी दूर रहना हमसे पूछो
क्या होती हैं किस्मत में रुकावट हमसे पूछो
यहाँ कहने को तो सब कुछ अपना हैं लेकिन
आखरी मुलाक़ात के बाद भी उस याद आना हमसे पूछो

गैरो पर मरने की उनकी फितरत हो गयी,
हमारी मोहोब्बत उनकी शिकायत हो गई
सारी दुनिया को चाहते है वो अपनाना
बस एक मेरे ही नाम से उन्हें नफरत हो गई

शिकायत न करता ज़माने से कोई
अगर मान जाता मनाने से कोई
फिर किसी को याद करता न कोई
अगर भूल जाता भुलाने से कोई

जाना कहा था और कहा आ गए
दुनिया में बनकर मेहमान आ गए
अभी तो प्यार की किताब खोली ही थी
और न जाने कितने इम्तेहान आ गए

Sad Shayari In Hindi Photo

दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता..

करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को
चले जाएँगे जब हम कभी ना वापस आने को
करेगा महफ़िल मे जब ज़िक्र हमारा कोई
तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने

कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में
और हम थक गये मुस्कुराते मुस्कुराते,..

सिर्फ चेहरे की उदासी से
भर आये तेरी आँखों में आँसू
मेरे दिल का क्या आलम है
ये तो तू अभी जानता नहीं

ज़िन्दगी हैं नादान इसलिए चुप हूँ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ
कह दू ज़माने से दास्तान अपनी,
उसमे आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ

वोह खुश हैं पर शायद हम से नहीं
वोह नाराज हैं पर शायद हमसे नहीं
कौन कहता हैं उनके दिल में मोहब्बत नहीं
मोहब्बत तो हैं पर शायद हमसे नहीं

क्यूँ वो रूठे इस कदर कि मनाया ना गया
दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया
दिल तो दिल था कोई समंदर का साहिल नहीं
लिख दिया जो नाम वो फिर मिटाया ना गया

मोहब्बत से इनायत से वफ़ा से चोट लगती है
बिखरता फूल हूँ मुझको हवा से चोट लगती है
मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ
तकल्लुफ़ से बनावट से अदा से चोट लगती है.

आज जरूरत है जिनकी वो पास नही है
अब उनके दिल मे वो एहसास नही है
तड़पते है हम दो पल बात करने को शायद
अब वक्त हमारे लिए उनके पास नही है


दर्द को दर्द अब होने लगा है
दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है
अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा
क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है

मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं
हैं मौसम की तरह लोग बदल जाते हैं
हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों
ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं

काश वो समझते इस दिल की तड़प को
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता

अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल
अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल
अब किसी दिलासे की जरूरत नही है
क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल

चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं..

जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं

दुख का समा मुझे घेर लेता है
जब तेरी याद में ये पल भर के लिए होता है
ना जाने कब वो दिन आएगा
जब हर पल इस ज़िन्दगी का तेरे साथ गुजर जाएगा

मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही
ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही
जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है
मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही

दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे
आँखों से मोती निकलते रहेगे
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे


दिल अमीर था और मुकद्दर गरीब था
अच्छे थे हम मगर बुरा नसीब था
लाख कोशिश कर के भी कुछ ना कर सके हम
घर भी जलता रहा और समंदर भी करीब था

सामने मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना
जो मन मे हो वो ख़्वाब ना तोड़ना
हर कदम पर मिलेगी सफ़लता
बस आसमान छूने के लिए जमीन ना छोड़ना

दुख भरी मेरी ज़िन्दगी को उसने
खुशियों से भरी जन्नत बना दिया
खुदा ने सुनी मेरी ऐसी पुकार
मेरे दोस्त को मेरी मांगी हुई मन्नत बना दिया

उदास नज़रो में ख़्वाब मिलेंगे
कभी काटे तो कभी गुलाब मिलेंगे
मेरे दिल की किताब को मेरी नज़रो से पढ़ कर तो देखो
कही आपकी यादे तो कही आप मिलेंगे

तोडना होता तो रिश्ता हम ना बनाते
उम्मीद ना होती तो हम सपने नहीं सजाते
इतबार है हमें आपके प्यार पे
भरोसा ना होता तो प्यार के लिए हाथ आगे ना बढ़ाते

जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई
लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर में
हमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गई

साँस थम जाती है पर जान नहीं जाती
दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती
अजीब लोग हैं इस ज़माने में ऐ दोस्त
कोई भूल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती
