हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है
कभी सुबह कभी शाम याद आता है
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत
फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है

चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं

लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख हैं तुम्हारी आँखे
हंस के कह देता हूँ रात सो ना सका
लाख चाहूं मगर ये कह ना सकूँ
रात रोने की हसरत थी रो ना सका

बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आईना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है

ग़मों ने घेर लिया है मुझे तो क्या ग़म है
मैं मुस्कुरा के जियूँगा तेरी ख़ुशी के लिये
कभी कभी तू मुझे याद कर तो लेती है
सुकून इतना सा काफ़ी है ज़िन्दगी के लिये

आंखों से आँखे मिला गया कोई
दिल की कलियाँ खिला गया कोई
दिल की धड़कन यूँ बेताब न थी
मुझको दीवाना बना गया कोई.

मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं
हैं मौसम की तरह लोग… बदल जाते हैं
हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों
ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं

एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे
वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा
हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे

काश वो समझते इस दिल की तड़प को
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता


दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता

अधुरे ज़ज्बात अधुरे लफ़्ज और अधुरी बात
अभी तो कितने ही सवाल मेरे यार बाकी हैं
अधुरी यादें अधुरे ख्वाब और ये आधी रात
अब और क्या क्या सितम मेरे यार बाकी हैं

हाल अपना सुनाएं हम कैसे उन्हें
वो तो ग़ैरों की महफ़िल में रमे जा रहे
एक नज़र भी ना देखें वो मेरी तरफ़
बेरुखी से हम उनकी मरे जा रहे

बिखरते हैं रिश्ते विश्वास जब टूट जाता है
जोड़ना लाख चाहे मगर ये धागा टूट जाता है
कभी जो आइना देखो तो खुद ही जान पाओगे
जरा सी ठेस लगते ही शीशा टूट जाता है

दिल अमीर था और मुकद्दर गरीब था
अच्छे थे हम मगर बुरा नसीब था
लाख कोशिश कर के भी कुछ ना कर सके हम
घर भी जलता रहा और समंदर भी करीब था

तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी
वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी
ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है
तुम अगर भूल भी जाओ जो कौन सी नई बात होगी

उनकी सारी गलतियों को हम
उनकी नादानी समझ कर भूल गए
कभी समझ में नहीं आया नादान वो थे या हम

जब रिश्ता नया होता है तो
लोग बात करने का बहाना ढ़ुंढ़ते है
और जब वही रिश्ता पुराना हो जाता है
तो लोग दूर होने का बहाना ढूढ़ते है

हक़ीक़त जान लो जुदा होने से पहले
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले
ये सोच लेना भुलाने से पहले
बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले


बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से
आसमान रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से

काश वो समझते इस दिल की तड़प को
तो हमें यूँ रुसवा ना किया जाता
बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें
एक बार बस हमें समझ लिया होता

उसके इंतज़ार के मारे हैं हम
बस उसकी यादों के सहारे हैं हम
दुनिया जीत कर क्या करना है अब
जिसे दुनिया से जीता था
आज उसी से हारे हैं हम

मंज़िल है तो रास्ता क्या है
हौंसला है तो फांसला क्या है
वो सजा देकर दूर जा बैठे
किस्से पूछूँ मेरी खता क्या है

कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं

सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें

उसे हमने बहुत चाहा था पर प न सके
उसके सिवा ख्यालो में किसी और को ला न सके
आँखों के आँसू तो सूख गये उन्हें देख कर
लेकिन किसी और को देख कर मुस्कुरा न सके

चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे
हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में
लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है

वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़ कर रोए
कोई मजबूरी होगी जो दिल तोड़ कर रोए
मेरे सामने कर दिए मेरी तस्वीर के टुकड़े
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए


चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं

अगर तुम हो तो घबराने की कोई बात थोड़ी ह
जरा सी बूंदा बादीं ह बहुत बरसात थोड़ी ह
यह राहें इश्क़ ह इसमे कदम ऎसे ही उठते ह
महुब्बत सोचने वालों के बस की बात थोड़ी ह

नज़रे करम मुझ पर इतना न कर
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं

होले होले कोई याद आया करता है
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है

जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं

जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं

जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं

आती है तेरी याद अंधेरे की तरह
उदास करती है मुझे गम की तरह
मुझे तो अब बस उस दिन का इंतजार है
जब तू आएगी मेरी ज़िन्दगी में सवेरे की तरह

पत्ते गिर सकते है पर पेड़ नहीं
सूरज दुब सकता है पर आसमान नहीं
धरती सुख सकती है पर सागर नहीं
तुम्हे दुनिया भूल सकती है पर हम नहीं

किसी को फूलों में ना बसाओ
फूलों में सिर्फ सपने बसते है
अगर बसाना है तो दिल में बसाओ
क्यूंकि दिल में सिर्फ अपने बसते है
