बात जो तुम्हे बतानी थी दबा ली ना
मेहबूबा तुमने अपनी कोई और बना ली ना
किया कहा वो छोड़ गयी बात मेरी नहीं मानी
सुनो जरा इधर आओ बेज्जती अपनी करा ली ना
तेरी आँखे देख मैं भूल गयी,
रखा जो फूल था तेरे लिए वो लाना भूल गयी,
और इतने खूबसूरत हो तुम मै कैसे बयां करू
छोड़ो यार मैं आगे भूल गयी .
वशाल के बात के जज्बात न पूछो हमसे
किस कदर थी वो हँसी बात न पूछो
तुम जो गए फिर ना लौटे किस कदर रोये थे
उस रात न पूछो हमसे.
कभी कभी मैं एक बार में सब कुछ महसूस कर लेती हूं
अगले पल मुझे कुछ भी महसूस नहीं होता है।
मुझे नहीं पता कि क्या बुरा है:
लहरों के नीचे डूबना या प्यास से मरना
सोचा था तड़पायेगे हम उन्हे
किसी और का नाम लेके जलायेगे उन्हे
फिर सोचा मैने उन्हे तड़पाके दर्द मुझको ही होगा
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हे,
हम कुछ ना कह सके उनसे
इतने जज्बातो के बाद
हम अजनबी के अजनबी ही रहे
इतनी मुलाकातो के बाद,
होले होले कोई याद आया करता है
कोई मेरी हर सासो को महकाया करता है
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते है
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है
नहीं बता सकती हूँ की क्या हाल दिल का मेरा है, बस इतना समझ लो तुम बिन ना ज़िन्दगी में मेरे सवेरा है ,

हाल ऐ दिल बयां ना कर पाएंगे,
ज़िन्दगी तुझ बिन किस तरह बिताएंगे
हमको आता ही नहीं जीना तेरे बगैर,
हम तो तुम्हारे बिन मर ही जायेंगे,
हाथ थामकर तुम्हारा नाव पर सवार हो गयी थी मैं
अब जो छोड़ोगे हाथ बीच भँवर में तो कहाँ जाऊंगी मैं
दिल में कुछ ऐसी यादें होती हैं जो सुख देती हैं, पर
बीते कल की कुछ ऐसी कहानी होती हैं जो दुख देती हैं
हजारो में किसी एक को,
दिल के नगर में रहने दिया था,
मगर मुझे क्या पता था की उसे
जिस्मानी दुनिया में रेहना ज्यादा पसंद था
चला गया वो हमें छोड़ कर बेगानो की तरह
जैसे उसे कभी उसने हमें अपना समझा ही नहीं
बहुत समझती हूँ मैं इस दिल को
की जिस रास्ते मैं कांटे हो उस रस्ते नहीं जाना है,
वहां धोके की दुनिया है और धोखा नहीं खाना है,
कोई तो हो जो मेरे गम बाँट ले मुझे अपना मान ले, जिसे अपने दुख सुना सकूँ जिसके साथ रिश्ता निभा
सकूँ
ये दिल अब किसी को ऐतबार नहीं करता,
करता है नफ़रतें मगर प्यार नहीं करता
मैंने तुझे उस वक़्त चाहा
जब तेरा कोई नहीं था और
तूने मुझे उस वक़्त छोड़ा
जब तेरे सिवा मेरा कोई न था.
तुम क्या जानो इस दिल में कितना दर्द होता है
ये आज भी तुम्हे याद करके अंदर ही अंदर रोता है

मुझे मेरी ज़िन्दगी अब बेरंग ही अच्छी लगती है,
क्योंकि अगर रंग रहते है तो वो बदलते ही रहते हैं
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी
तेरे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी
क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर
जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी
ना पूछो हालत मेरी रूसवाई के बाद
मंजिल खो गयी है मेरी, जुदाई के बाद
नजर को घेरती है हरपल घटा यादों की
गुमनाम हो गया हूँ गम-ए-तन्हाई के बाद
ना जाने कब तक ये आँखें उसका इंतज़ार करेंगी
उसकी याद में कब तक खुद को बेक़रार करेंगी
उसे तो एहसास तक नहीं इस मोहब्बत का यारो
ना जाने कब तक ये धड़कन उसका ऐतबार करेगी
खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है
दिल के समंदर की सतह पे आके सुन
खामोशीया किस कदर शोर मचाती है
दर्द को बहुत मनाया ऑखो से ना छलके
दुनिया बेकार मे झुटी बाते बनाती है
आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो
किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो
तेरी यादं का चंदन जब से मला हे तन पे
मेरी आस्तीन मे कितने साप पल गये
तुझे नज़र भर के देखना मेरा गुनहां था
इश्क की आँच से मेरे सारे हाथ जल गये

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा
यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा
मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में
कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा
प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं
तेरी याद में अक्सर बरसती रहती हैं
हम तेरे ख्यालों में डूबे रहते हैं
और ये ज़ालिम दुनिया हम पे हँसती रहती है
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो
प्यार का तालुक भी अजीब होता है
आंसू मेरे थे सिसक रहा था व
जुदा हो रहे हो पर भूलो मत मैं तुम्हारा था कभी
तेरी बाहों में हमने भी वक़्त गुजारा था कभी
और आईने के सामने में बैठ के इतना रोया हूँ की आईना भी भूल गया ये शख्स मुस्कुराया था कभी
बात दिल की लबों पर आयी थी
दिल ने कहा, कहने में क्या बुराई थी
हो ना सका मुक़म्मल सफ़र साथ दोस्तों
कम्बख़्त, दूर होने में ही मेरी भलाई थी
प्यार कर किसी बेवफा से
गम से रिश्ते में जुड़ जाओगे
गर आओगे पास किसी के
तो तकलीफ में पड़ जाओगे.
हक़ीक़त जान लो जुदा होने से पहले
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले
ये सोच लेना भुलाने से पहले
बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले
जिंदगी सुन्दर हैं पर जीना नही आता
हर चीज मे नशा हैं पर पीना नही आता।
सब मेरे बगैर जी सकते हैं
बस मुझे ही किसी के बीना जीना नही आता
सपना कभी साकार नहीं होता
मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता
सब कुछ हो जाता है दुनिया में
मगर दुबारा किसी से सच्चा प्यार नहीं होता
सिलसिले की उम्मीद थी उनसे
वही फाँसले बढ़ाते गए
हम तो पास आने की कोशिश में थे
ना जाने क्यों वह हमसे दूरियाँ बढ़ाते गए
कुछ कदम हम चले कुछ कदम तुम चले
फर्क सिर्फ इतना रहा हम चले तो फाँसलेकाम होते गए
और तुम चले तो फाँसले बढ़ते गए