हेल्लो मेरे प्यारे मुस्लमान बाई आप सभी को मेरी तरफ से ईद मुबारक हो मै उम्मेद करतेहो की आप का तेहवार सही से गुजरे और अभी जो हमारे देस में हल रहा है वह जल्द से जल्द सही हो जाइ २०२० कोरोना
ईद मुबारक शायरी 2020
हैप्पी ईद मिलादुन नबी
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अल्लाह की करते हैं तहे दिल इबादत दुश्मन हो या दोस्त रखे सभी को सलामत कुबूल फ़रमाय से शायरी का नज़राना ईदी चाहिये तो घर जरुर आना
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हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल, दुनिया के सारे गम तुम्हें जाए भूल, चारों तरफ फैलाओ खुशियों के गीत, ऐसी उम्मीद के साथ तुम्हें मुबारक हो ईद.
15ईद लेकर आती है ढेर सारी खुशियां, ईद मिटा देती है इंसान में दुरियां, ईद है खुदा का एक नायाम तबारोक, इसीलिए कहते हैं ईद मुबारक.
16तुम्हारी दीदार् से मसरूफ मेरी ईद है जानम, जरा एक बार नकाबे रूख फेर देना ताकि मुझे मेरी ई-दी मिल जाए
17कोई इतना चाहे हमे तो बताना कोई तुम्हारी फ़िक्र करे तो बताना ईद मुबारक हो हर कोई कह देता है कोई हमारे अंदाज़ में कहे तो बताना
18ऐ रूठे हुवे दोस्त मुझे इतना बता दे, क्या मुझ से गले मिलने का अब मन नहीं होता, बच्चों की तरह दौड़ के आ सीने से लग जा, ये ईद का दिन है कोई दुश्मन नहीं होता.
19आप सभी को ईद के इस त्यौहार की बहुत बहुत मुबारकबाद। अल्लाह आपकी सभी शुभकामनाये पूरी करे और आपका जीवन खुशियो से भर दे। ईद मुबारक। हैपी ईद।
20हवा को खुशबू मुबारक, फ़िज़ा को मौसम मुबारक, दिलों को प्यार मुबारक, आपको हमारी तरफ से ईद मुबारक।
21हर आँखो को चाँद की दीद मुबारक हो, मुबारक हो भाई मुबारक हो, ईद मुबारक हो
22हम आप की याद में उदास हैं बस आप से मिलने की आस हैं चाहे पास कितने ही क्यों न हो मेरे लिए तो आप ही सब से ख़ास हैं आपको ईद मुबारक
23मौसम मस्त हो, माहौल जबर्दस्त हो, अभी ईद मुबारक बोल दूँ, क्या पता बाद में सारी लाईने व्यस्त हो! ईद मुबारक
24चलो इस बार कुछ अलग अंदाज़ से मनाते हैं ईद, देकर अपनी खुशियाँ सबके दर्द लेते हैं खरीद! ईद मुबारक
25 मौका हैं खास कहदे दिल के ज़स्बात गीले शिकवे भुलाकर सभी को ईद मुबारक
26नज़र का चैन दिल का सरूर होते हैं कुछ ऐसे लोग जहाँ में जरूर होते हैं सदा चमकता रहे ये ईद का तयौहार करीब रह के भी हम से जो दूर होते हैं
27लेकर आये हैं नया नजराना, कहने को दिल का नया फ़साना। मुबारक हो तुमको ये ईद हमारी, सारी आरज़ू हो पूरी तुम्हारी।। आप को ईद मुबारक
28ईद का दिन है गले आज तो मिल लेज़ालिम रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है
29ए चाँद, तू उनको मेरा पैगाम कह देना ख़ुशी का दिन और हंसी की शाम देना जब वो देखे तुझे बाहर आकर उनको मेरी तरफ से ईद मुबारक कह देना