बेवफा शायरी इन हिंदी | BEWAFA SHAYARI IN HINDI

176

मोहब्बत में ऐसा क्यों होता है
बेवफाई में वो रोते हैं और वफ़ा में हम रोए हैं

सब कुछ होते हुए भी इस दिल का दर्द नहीं जाता
क्यूंकि किस्मत ने हमें Bewafai बना दिया

दुनिया वालों का भी अजीब दस्तूर है बेवफाई मेहबूब से मिलती है ,और बेवफा मोहब्बत बन जाती है

एक खुवाहिश है के कोई जखम न देख ले
एक ये हरसत है के कोई देखने वाला होता

ज़िन्दगी ने दिया सब कुछ पर वफ़ा न दी
जख्म दिए सबने पर किसी ने वफ़ा न दी

उन लोगो की उम्मीदों को कभी टूटने ना दे
जिसकी आखरी उम्मीद तुम हो

जमाना कहता है बड़ी दिलकस है मेरी आँखें
उन्हें किया मालूम ये मेरे पियार की निशानी है

किसी ने भरोसा तोडा किसी ने दिल तोडा
और लोगो को लगता है के बहुत बदल गए है हम

तुझ से कुछ और नहीं चाहिए आय ज़िन्दगी
बस वो शख्स मिला दे जिसे हम प्यार करते है

हिंदी बेवफा शायरी

जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले,
दोस्त वो क्या समझेगा एक सितारे कि
कमी को।

क्या अजीब सी ज़िद हैहम दोनों की,तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने कीऔर मेरी तेरे पीछे तबाह होने की

रफ़्तार कुछ इस कदर तेज़ है जिन्दगी की कि सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है।

टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी

बड रहा है दर्द उस को भूला देने के बाद
याद उसकी ओर आई खत जला
देने के बाद

उंगलिया आज भी इस सोच में गुम हैउसने कैसे नए हाथ को थामा होगा

मेरे ना हो सको तो कुछ ऐसा कर दो,मैं जैसा था मुझे फिर वैसा कर दो

इश्क मुहब्बत क्या है ? मुझे नही मालूम, बस तुम्हारी याद आती हैसीधी सी बात है

तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में
मगर लबों तक आते आते तुम ग़ैर हो गए

मत पूछ की किस तरह चल रही है ज़िंदगी, उस दौर से गुज़र रही हु जो गुज़रता ही नहीं

कौन कहता है की आंसुओ मेंवजन नहीं होता!एक भी छलक जाता है तो,मन हल्का हो जाता है।

मेरी किस्मत भी देखो की किसीने वक्त गुजारने के लिए अपना बनाया,तो किसीने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया

तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई,
अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी

सीख कर गया है वो मोहब्बत मुझसे
जिस से भी करेगा बेमिसाल करेगा

वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।

मेरी चाहत ने उसे ख़ुशी दे दे
बदले में उसने मुझे सिर्फ़ ख़ामोशी दे दी
ख़ुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन
उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी

तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
मेरी जान छूटी… इश्क़-ऐ-बवाल से

इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं,
बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो

वाकिफ तो थे तेरी बेवफ़ाई की आदत से
चाहा इसलिए कि तेरी फितरत बदल जाये

कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है

मैंने उस से वफ़ा की उम्मीद लगा रखी थी
जिसके चर्चे आम थे बाजार में बेवफाई के

जब तक न लगे ठोकर बेवाफ़ाई की,
हर किसी को अपनी पसंद पर नाज़ होता है

कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो दोस्त
बेवफाई तो सबने की है मज़बूरी के नाम पर

हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है
तुझे चाहा इसलिए कि शायद तेरी फितरत बदल जाये

तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की
हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे

मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला
अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता

उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है

हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया
गम है कि मेरे प्यार का तूने  बेवफाई सिला दिया

बहुत अजीब है ये मोहब्बत करने वाले
बेवफाई करो तो रोते है और वफा करो तो रुलाते है | 

रुसवा क्यूँ करते हो तुम इश्क़ को ऐ दुनिया वालों
मेहबूब तुम्हारा बेवफा है तो इश्क़ का क्या गुनाह

बेवफाओं की इस दुनिया में संभल कर चलना
यहाँ मोहब्बत से भी बरबाद कर देते है लोग

इस दौर में की थी जिस से वफ़ा की उम्मीद
आखिर को उसी के हाथ का पत्थर लगा मुझे

दोस्तों आपको हमारी यह पोस्ट बेवफा शायरी इन हिंदी कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को शेयर जरूर करें ताकि हमारी कुछ मदद हो सके

बेवफा शायरी इन हिंदी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here