
वफा के बदले बेवफाई ना दिया कर
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया कर
तेरी मौहब्बत में हम सब कुछ गवां बैठे
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया कर

तेरे दिल की महफिल सजाने आए थे
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे
ये तो बता किस बात की सजा दी तूने ओ बेवफा
हम तो तेरे दर्द को अपना दर्द बनाने आए थे

जाना ही था तो बता कर जाती
यूं बेवफ़ा का इल्जाम खुद पर ना लगवाती
हमने सोचा था कि हम ही तड़प रहे है
तुम्हारी यादों में ! पर आंखे बता रही है
नींद रात भर आपको भी नहीं आती

2 दिलो की धडकनों में साज होता है
सभी को अपनी मोहब्बत पर नाज होता है
प्यार में हर कोई नहीं होता बेवफा
बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है

तू खुश है मेरे बगैर इसमे गलत कुछ नहीं है
मैं खुश हूँ तेरे बगैर इसमे सच कुछ नहीं है
तुझे चाहा था और चाहता रहूँगा, ये सच है
लेकिन अब तुझे ही चाहूँगा, ये सच नहीं है

ये कैसा सितम था उनका
कुछ पलो कि मोहब्बत के लिए
मुझे सालों आजमाया गया
फांसी मेरी पहले मुकर्रर कर दी
अदालत मुझे बाद में ले जाया गया

ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है
तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है
वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी
हमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है

बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें, मेरा क्या है
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है


तेरी बेवफाई का शिकवा करूँ तो
यह मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
भरी बज़्म में तुझको रुसवा करूँ तो
यह मेरी शराफत की तौहीन होगी

वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे

ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँग

दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया

दर्द अगर काजल होता तो आँखों में लगा लेते
दर्द अगर आँचल होता तो अपने सर पर सजा लेते
दर्द अगर समुंदर होता तो दिल को हम साहिल बना लेते और दर्द अगर तेरी मोहब्बत होती तो उसको
चाहत-ऐ ला हासिल बना लेते

अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो
मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो

मैंने भी किसी से प्यार किया था
उनकी रहो में इंतजार किया था
हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें
कसूर उनका नहीं मेरा ही था
जो एक बेवफा से प्यार किया थ

वो मोहब्बत भी तेरी थी वो नफ़रत भी तेरी थी
वो अपनाने और ठुकरानी की अदा भी तेरी थी
मे अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता
वो शहेर भी तेरा था वो अदालत भी तेरी थी

बहुत समझाया ख़ुद को मगर समझा नही पाये
बहुत मनाया ख़ुद को मगर मना नही पाये
जाने वो क्या जज्बा था वो एहसास था
खूब भुलाना चाहा उसे हमने मगर भुला नही पाये


कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी

मेरी वफा के क़ाबिल नही हो तुम
प्यार मिले ऐसे इन्सान नही हो तुम
दिल क्या तुम पर ऐतबार करेगा
प्यार मे धोखा दिया ऐसे बेवफा हो तुम।

जिस कदर तुमने भुला रखा है कभी सोचना,
हम सब छोड़कर निकले थे एक तेरी मोहब्बत के लिये
उन्होने अपने लबो से लगाया और छोड़ दिया वे बोले इतना जहर काफी है तेरी कतरा कतरा मौत के लिए

जहाँ पर नफरतों के खुरदरे दस्तूर होते हैं
वहाँ पर प्यार के किस्से बहुत मशहूर होते है
ये रिश्तों के उजालों में चमकते और बुझते हैं
कहीं ये अश्क होते हैं कहीं सिन्दूर होते हैं

जख्मों को हमने खुद ही सिना सीख लिया है
जीते है कैसे हमने जीना सीख लिया है
अक्सर जो बहते रहते थे आंखों के रास्ते
हमने भी उन अश्कों को पीना सीख लिया ह

खुश हूँ कि मुझको जला के तुम हँसे तो सही
मेरे न सही किसी के दिल में बसे तो सही

इकरार बदलते रहते है इंकार बदलते रहते हैं
कुछ लोग यहाँ पर ऐसे है जो यार बदलते रहते हैं

हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया

मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए सायद
आज वो भी बेवफा हो गाए सायद
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए सायद


ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने

प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था
वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था
सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को
पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था

जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है
सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है
जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो
काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता

तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना
मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना
मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना

गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती
सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती
मगर प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे दोस्त
प्यार के ज़ख्म की कोई दवा नहीं होती

तेरे दिल की महफिल सजाने आए थे
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे
ये तो बता किस बात की सजा दी तूने ओ बेवफा
हम तो तेरे दर्द को अपना दर्द बनाने आए थे

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है
खामोशियो की आदत हो गयी है
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से अगर है तो
एक मोहब्बत जो इन तन्हाइयों से हो गई है

तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे
